Wednesday, July 18, 2012

अनजान अंधेरो के  बीच...
डरा सा सहमा सा...
वो खुली आँखों के सामने .....घनघोर अँधेरा...
और वो उम्मीद का दिया जाने क्यूँ.....
इस अँधेरे में भी जल रहा है...


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