अनजान अंधेरो के बीच...
डरा सा सहमा सा...
वो खुली आँखों के सामने .....घनघोर अँधेरा...
और वो उम्मीद का दिया जाने क्यूँ.....
इस अँधेरे में भी जल रहा है...
डरा सा सहमा सा...
वो खुली आँखों के सामने .....घनघोर अँधेरा...
और वो उम्मीद का दिया जाने क्यूँ.....
इस अँधेरे में भी जल रहा है...
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