वो थप्पड़ की गूंज दूर तलक जाएगी.......
अख़बारों व टीवी पे खूब दोहराई जाएगी.......
इन्हें तो आदत सी है मार खाने की......
और इनके विरोध की सियासत में भी..
खूब राजनीतीक रोटियाँ पकाई जाएगी.....
हर वो सक्श इन्हें पीटने को तैयार है....
जो इस लोकतंत्र में बेबस और लाचार है..
अब तो गांधीवादी भी इनकी पिटाई पर हंसी उड़ाते है...
ना जाने अहिंसा का कौन सा पाठ पढ़ाते है....?
जूते उछालने से थप्पड़ रसीदने के इस सफ़र में....
न जाने कितने पागल हीरो बनकर तैयार हो गए......?
बदला तो कुछ भी नहीं........
और ये फिर से थप्पड़ खाने को तैयार हो गए...
पहचानिए इन नौटंकियो को.......
ये सब स्टंट पुराना है...
जब पूछता नहीं कोई इन नेताओं को.....
तो ऐसे हरकत तो प्रायोजित करवाना है...
लोगों को बेवकूफ बनाना तो इनका धर्म है..
इन्हें गरीबी का क्या मर्म है?????
कौन इन्हें बताएँ की क्रिकेट के गलियारों
के बाहर भी एक संसार है.......
जिनके चिथड़ों की लाचारी के सिवाय
न कोई पहचान न पास कोई हथियार है....
मीडिया की सुर्खिया फिर से बदल जाएगी....
कैमरें की फ्लैश एक नयी कहानी बताएगी...
और फिर से वो गरीब कहानी के बाहर होगा...
गरीबों की चीत्कार फिर से मौनव्रत पर जाएगी...
पर इन नेताओं पर थप्पड़ की गूंज........
दूर तलक जाएगी............